सिलीगà¥à¥œà¥€ (पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल), जनवरी 19 (ANI): पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल और सिकà¥à¤•à¤¿à¤® की सीमा से सटा दारà¥à¤œà¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में दारà¥à¤œà¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग चाय के उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के लिठपà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ है। पिछले कà¥à¤› सालों तक यहां का संतरा à¤à¥€ उतना ही पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤† करता था। मगर अब उसके सà¥à¤µà¤¾à¤¦ और आकार में à¤à¥€ फरà¥à¤• पड़ने लगा है। पहले बंगाल तक में इसकी काफ़ी मांग थी मगर अब यहां के संतरे की मांग कम होने से देश के सीमित राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ तक रह गई है। इससे किसानों की मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‡à¤‚ बॠगई है और दारà¥à¤œà¤¿à¤²à¤¿à¤‚ग के संतरे पर गहराने लगा है संकट।
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Ventuno